google.com, pub-5812327504615010, DIRECT, f08c47fec0942fa0 google-site-verification: google2ac64926cfe36dc5.html जगन्नाथ मंदिर/ जगन्नाथ मंदिर के आश्चर्यजनक तथ्य – Puri Jagannath Temple Facts in Hindi

जगन्नाथ मंदिर/ जगन्नाथ मंदिर के आश्चर्यजनक तथ्य – Puri Jagannath Temple Facts in Hindi

जगन्नाथ मंदिर: भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता का प्रतीक 

भारतीय संस्कृति विश्व में अपनी अमूल्य धरोहर. श्रेष्ठता और धार्मिकता के लिए प्रसिद्ध है. यहां धर्म की अनगिनत विभिन्न अद्वितीयताओं का आदान-प्रदान होता है और इसका एक विशेष उदाहरण उत्तरपूरी राज्य के पुरी शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर है. जगन्नाथ मंदिर भारतीय संस्कृति की गहरी धरोहरर का हिस्सा है. जो विभिन्न रूपरेखाओं में प्रकट होता है और भारतीय समाज के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्थल है. 

जगन्नाथ मंदिर



स्थान: जगन्नाथ मंदिर. ओडिशा के पुरी शहर में स्थित है.जो की एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल है. पुरी शहर भारतीय धर्म. संस्कृति और ऐतिहासिक महत्त्व के आदान-प्रदान से भरपूर है. 

मूर्तियां: जगन्नाथ मंदिर का प्रमुख धार्मिक मूर्तियों में भगवान जगन्नाथ का महत्त्वपूर्ण स्थान है. जिन्हें भगवान कृष्ण के एक रूप के रूप में पूजा जाता है. इसके साथ ही. उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियां भी होती हैं. 


वास्तुकला: जगन्नाथ मंदिर की वास्तुकला भारतीय शिल्पकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. मंदिर के शिखर की प्य्रामिडल आकृति. देवताओं की मूर्तियों के नक्काशीय अद्वितीयता और भव्यता दर्शाते हैं कि इसके निर्माणकर्ता की आदिकला और मानव श्रेष्ठता में कैसे मिलान होता है. 


रथयात्रा: जगन्नाथ मंदिर की सबसे प्रसिद्ध उत्सव रथ यात्रा है. जिसमें भगवान जगन्नाथ. बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां विशाल रथों पर बैठाई जाती हैं और उन्हें मंदिर से बाहर निकालकर शहर के चर्चित स्थलों पर परिक्रमा किया जाता है. यह उत्सव भारतीय संस्कृति और धार्मिकता की महत्त्वपूर्णता को प्रस्तुत करता है. 

रथयात्रा

प्रसाद: मंदिर का महाप्रसाद भगवान की कृपा का प्रतीक माना जाता है और यह भक्तों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है. मंदिर में बनाए गए प्रसाद को "महाप्रसाद" कहा जाता है और यह भक्तों को शुद्ध और पवित्र आहार का आनंद उठाने का अवसर प्रदान करता है. 

प्रसाद

 धार्मिक महत्त्व: जगन्नाथ मंदिर भारतीय संस्कृति के अत्यंत महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है. यह उत्तरपूरी राज्य के लोगों के लिए ही नहीं. बल्कि देश और दुनिया भर के भक्तों के लिए भी महत्त्वपूर्ण है जो यहां आकर भगवान की पूजा और आदर करते हैं. 

सामाजिक समृद्धि: जगन्नाथ मंदिर एक सामाजिक मेलजोल का स्थल है जहां विभिन्न जातियों. वर्ग और वर्गों के लोग एक साथ आकर्षण का आनंद लेते हैं. यहां पर सभी को एकता और सद्भावना की भावना का महत्त्व बताया जाता है. 


ऐतिहासिक महत्त्व: जगन्नाथ मंदिर का इतिहास हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति के एक महत्त्वपूर्ण हिस्से के रूप में रहा है. इसका इतिहासिक महत्त्व और ऐतिहासिक आदर्शों के साथ इसे एक विशेष स्थल बनाते हैं. 


कला और नक्काशी: मंदिर की वास्तुकला और नक्काशी भारतीय कला के उदाहरण हैं. यहां के विभिन्न अंगों में दिखाई देने वाली मजेदार नक्काशी और उनकी महत्त्वपूर्णता से इसे अनुपम बनाते हैं. 

धार्मिक उत्सव: जगन्नाथ मंदिर विभिन्न धार्मिक उत्सवों के आयोजन का स्थल है जहां लोग अपनी धार्मिक भावनाओं को जीवरखते हैं. यहां पर्वों और उत्सवों के दौरान भक्त आते हैं और भगवान के साथ उनकी यात्रा का आनंद उठाते हैं. 

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जगन्नाथ मंदिर के आश्चर्यजनक तथ्य – Puri Jagannath Temple Facts in Hindi

1). पुरी में किसी भी स्थान से आप मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेंगे तो वह आपको सदैव अपने सामने ही लगा दिखेगा।

2). सामान्य दिनों के समय हवा समुद्र से जमीन की तरफ आती है और शाम के दौरान इसके विपरीत, लेकिन पुरी में इसका उल्टा होता है।

3). मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।

4). पक्षी या विमानों को मंदिर के ऊपर उड़ते हुए नहीं पाएंगे।

5). मुख्य गुंबद की छाया दिन के किसी भी समय अदृश्य ही रहती है।

6). मंदिर के अंदर पकाने के लिए भोजन की मात्रा पूरे वर्ष के लिए रहती है। प्रसाद की एक भी मात्रा कभी भी व्यर्थ नहीं जाती, लाखों लोगों तक को खिला सकते हैं।

7). मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे पर रखे जाते हैं और सब कुछ लकड़ी पर ही पकाया जाता है। इस प्रक्रिया में शीर्ष बर्तन में सामग्री पहले पकती है फिर क्रमश: नीचे की तरफ एक के बाद एक पकती जाती है।

8). मंदिर के सिंहद्वार में पहला कदम प्रवेश करने पर ही (मंदिर के अंदर से) आप सागर द्वारा निर्मित किसी भी ध्वनि को नहीं सुन सकते। आप (मंदिर के बाहर से) एक ही कदम को पार करें, तब आप इसे सुन सकते हैं। इसे शाम को स्पष्ट रूप से अनुभव किया जा सकता है।

9). एक पुजारी मंदिर के 45 मंजिला शिखर पर स्थित झंडे को रोज बदलता है। ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन भी झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर 18 वर्षों के लिए बंद हो जाएगा।

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