google.com, pub-5812327504615010, DIRECT, f08c47fec0942fa0 google-site-verification: google2ac64926cfe36dc5.html Kedarnath Yatra - दिल को छू जाने वाली एक अनोखी यात्रा

Kedarnath Yatra - दिल को छू जाने वाली एक अनोखी यात्रा

केदारनाथ यात्रा - दिल को छू जाने वाली एक अनोखी यात्रा:-

Kedarnath Temple


नमस्कार दोस्तो आज हम केदारनाथ धाम की कुछ जानकारी आपसे साझा कर रहे है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग क्षेत्र में हिमालय के पर्वतो में बसा, केदारनाथ एक खूबसूरत शहर है। यह शहर केदारनाथ मंदिर के कारण भारत में एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। हिंदू धर्म में केदारनाथ यात्रा का अत्याधिक महत्व है।

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बहुत से लोग हर साल मंदिर में पूजा करने, खूबसूरत पहाड़ों पर ट्रैकिंग करने और निश्चित रूप से सुन्दर दृश्य का आनंद लेने के लिए केदारनाथ जाते है, और उनमें से अधिकांश यात्री गर्मियों में आते हैं। गर्मी का मौसम केदारनाथ को इतने जादुई ढंग से अपने आगोश में ले लेता है। यहाॅ गर्मियों का मौसम वास्तव में सुखद और आरामदायक होता है जिससे आप इस क्षेत्र का भ्रमण करते समय सहजता और आराम महसूस करते हैं। हालाँकि मानसून के दौरान फिसलन भरी ढलानों पर चलना जोखिम भरा होता है, और सर्दियों में बहुत ठंड होती है, गर्मी का मौसम ही केदारनाथ यात्रा के लिए अनुकूल है। केदारनाथ में गर्मी के महीने (अप्रैल-जून) गर्म और आरामदायक होते हैं। गर्मियों में केदारनाथ में औसत तापमान 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है जबकि सामान्य तापमान 15 डिग्री से अधिकतम 30 डिग्री के बीच रहता है। गर्मी का मौसम आध्यात्मिक पलायन और चकाचैंध परिदृश्य और अच्छे पहाड़ी भोजन का अनुभव करने के लिए सबसे उपयुक्त समय है।


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मंदाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय श्रृंखला में स्थित, 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र स्थान है, यहाॅ हर साल बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। केदारनाथ भारत के चार धाम एवं 12 ज्योतिर्लिंग में से एक माना जाता है। केदारनाथ मंदिर का रास्ता भले ही कठिन है, लेकिन वहां का दृश्य देखने के बाद रास्ते में हुई कठिनाई एवं थकान गायब सी हो जाती है। 4,135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित वासुकी ताल भी बहुत सुंदर तालाब है। बर्फ से ढका चोर बामक ग्लेशियर और वासुकी ग्लेशियर पिघलकर इस आकर्षक झील में गिरते हैं और वासुकी गंगा का उद्गम भी इसी झील से हुआ है। गर्मियों में इस यात्रा के लिए ट्रैकिंग की जाती है। और जब आप वासुकी ताल की यात्रा के लिए ट्रैकिंग करते हैं, तो आप शक्तिशाली पहाड़ों और शांत नदियों के बीच पूरे केदारनाथ में मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्य को देखते ही रह जायेंगे। अपने शेड्यूल से एक दिन निकालें और सुंदरता, शांति और ढेर सारी यादों के लिए इस अद्भुत झील की सैर अवश्य करें। केदारनाथ मंदिर तक पहुचने के लिए आप घोडे, खच्चर, पालकी एवं हेलीकॉप्टर सेवाओं का भी लाभ उठा सकते हैं।




1,000 मीटर की ऊंचाई पर अगस्तेश्वर महादेव मंदिर स्थित है, जहां पर अगस्त्य नाम के महान ऋषि ने एक वर्ष तक ध्यान किया था। जब आप इस महान मंदिर के दर्शन करेंगे, तो आपको दीवारों के पत्थर पर हिंदू देवताओं की तस्वीरें खुदी हुई दिखेगी। केदारनाथ के पार लोग केवल मनमोहक मंदाकिनी नदी के किनारे बैठने के लिए एवं इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।

समुद्र तल से 1829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, सोनप्रयाग यात्रियों को बर्फ से ढके पहाड़ों और हरी सोनप्रयाग घाटी का मनमोहक दृश्य प्रदान करता है। हिंदू धर्म में और केदारनाथ के लोगों के बीच यह माना जाता है कि सोनप्रयाग के पवित्र जल में डुबकी लगाने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ती होती है। आप केवल गर्मियों में केदारनाथ के सोनप्रयाग में डुबकी लगाने का प्रबंधन कर सकते हैं क्योंकि अन्य मौसमों में पानी बहुत ठंडा होता है।

केदारनाथ के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो कि केदारनाथ से 215 किमी के दूरी पर स्थित है। केदारनाथ से नजदीकी एयरपोर्ट Jolly Grand Airport है जो कि 239 किमी की दूरी पर स्थित है।

केदारनाथ यात्रा संबंधित आवश्यक जानकारी हेतु आप हमें कमेंट कर सकते है।

 

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