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Mahakaleswar Jyotirlinga, Ujjain (Madhya Pradesh) |
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में :-
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है, जो कि बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, यह ज्योतिर्लिंग शिप्रा नदीं के तट पर स्थित भगवान शिव का सबसे पवित्र निवास कहा जाता है। यह ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित है। मध्यप्रदेश में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से लगभग 150 किमी खण्डवा जिले में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिग भी स्थित है, जो कि नर्मदा नदी के तट पर है।
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Shipra River |
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Nag Chandreshwar Temple |
इल्तुतमिश
ने सन् 1234&35
में उज्जैन पर आक्रमण के दौरान मंदिर परिसर एवं ज्योतिर्लिंग को नष्ट कर दिया गया
था। मराठा साम्राज्य शासन की स्थापना 18वीं
शताब्दी के चैथे दशक में उज्जैन में हुई थी। उज्जैन का प्रशासन पेशवा
बाजीराव-प्रथम द्वारा अपने वफादार सेनापति रानोजी शिंदे को सौंपा गया था, राणोजी
के दीवान सुखातनकर रामचंद्र बाबा शेनवी थे, जो
बहुत अमीर थे, उन्होंने धार्मिक उद्देश्यों के लिए अपने
धन का निवेश करने का फैसला किया। इसी सिलसिले में उन्होंने 18वीं
सदी के चैथे और 5वें दशक के दौरान
महाकालेश्वर मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। 1947
में भारत के स्वतंत्र होने के बाद, महाकालेश्वर
देव स्थान ट्रस्ट को उज्जैन के नगर निगम द्वारा बदल दिया गया। आजकल यह उज्जैन जिले
के समाहरणालय कार्यालय के अधीन है।
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Mahakal Lok |
माननीय
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास
परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया गया है। कॉरिडोर को 850
करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से विकसित किया गया है, जिसे ''महाकाल
लोक'' नाम
दिया गया है। कॉरिडोर की लंबाई 900 मीटर से अधिक है और इसमें
लगभग 200
मूर्तियां और भगवान शिव और देवी शक्ति के विभिन्न चित्र, अन्य
धार्मिक मूर्तियां है।
हवाई मार्ग से महाकालेश्वर आने हेतु नजदीगी एयरपोर्ट इन्दौर में है जो कि महाकालेश्वर से 55 किमी की दूरी पर हैं।
इन्दौर
से महाकालेश्वर बस, टैक्सी एवं ट्रेन के माध्यम
से भी आ सकते है।
महाकालेश्वर
दर्शन हेतु उज्जैन शहर में ही रेलवे स्टेशन मौजूद है, जो
कि भारत के प्रमुख शहरो से जुडा हुआ है।